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Sunday, October 18, 2009

Same Pinch

'रात पश्मीने की' च्या 'मेरा ख्याल है' मधे गुलजार म्हणतात....
"...उम्मीद भी है, घबराहट भी की अ़ब लोग क्या कहेंगे, और इससे बड़ा डर यह है कहीं ऐसा न हो की लोग कुछ भी ना कहें !! "
जितका प्रभाव गुलजारचा आहे तितकाच मृणालचा पण :D

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